भिलाई । भिलाई शहर से एक सुकून देने वाली खबर सामने आई है, जहां बुजुर्गों की आवाज़ अब सुनी जाने लगी है। वैशाली नगर स्थित सियान सदन में रविवार को वरिष्ठ नागरिक महासंघ की सालाना बैठक हुई, जिसमें बुजुर्गों की भलाई से जुड़े कई जरूरी मुद्दों पर चर्चा हुई।
सबसे बड़ी बात रही "सियान आयोग" के गठन की मांग। सभी सदस्यों ने इस प्रस्ताव को मिलकर पास किया और सीधे राज्यपाल और मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर इस पर तुरंत कार्रवाई की अपील की।
बैठक में एक और अहम मुद्दा सामने आया—महासंघ के स्थायी ऑफिस के लिए लंबित जमीन आवंटन की फाइल। बुजुर्गों ने साफ कहा कि अब सरकार को इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाना ही होगा।
कार्यक्रम की शुरुआत पूजा-पाठ से हुई और इसके बाद हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए पर्यटकों को श्रद्धांजलि दी गई। घायलों के जल्द ठीक होने की कामना भी की गई।
महासंघ के सचिव गजानंद साहू ने पूरे साल का लेखा-जोखा पेश किया और बताया कि संगठन ने किस तरह से बुजुर्गों के लिए कई गतिविधियां चलाईं, जिससे उन्हें सामाजिक जुड़ाव और मानसिक सुकून मिला।
सभा में घनश्याम देवांगन की बातों ने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने साफ कहा कि सरकारें बुजुर्गों को नजरअंदाज कर रही हैं। पेंशन और ज़रूरी सुविधाओं से वंचित कई बुजुर्ग आज भी संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ में सियान आयोग बनाने की मांग को मजबूती से दोहराया, जिस पर सभी ने तालियों से समर्थन जताया।
उपाध्यक्ष बलबीर सिंह सहगल ने भी बुजुर्गों की रोजमर्रा की परेशानियों पर बात की। उन्होंने कहा कि रेलवे यात्रा में छूट, प्रॉपर्टी टैक्स में राहत और सियान सदनों में मनोरंजन की सुविधाएं जरूरी हैं। इन प्रस्तावों को आगे सरकार तक पहुंचाने की बात कही गई।
इस बैठक ने ना सिर्फ बुजुर्गों को मंच दिया, बल्कि इलाके के लोगों को भी उम्मीद दी कि अब बदलाव मुमकिन है। स्थानीय निवासियों ने भी इन मांगों का समर्थन किया और प्रशासन से जल्द कदम उठाने की गुज़ारिश की।
सभा में एन. पी. मिश्रा, बाबूलाल साहू, रामायण मिश्रा जैसे कई सदस्यों ने भी अपनी राय रखी। अध्यक्ष पुरुषोत्तम साहू ने जानकारी दी कि महासंघ से फिलहाल 12 सियान सदन जुड़े हुए हैं और करीब 3,000 सदस्य इसमें सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।
अंत में सभी सियान सदनों के प्रतिनिधियों ने अपनी-अपनी समस्याएं रखीं और महासंघ ने भरोसा दिलाया कि हर मुद्दे को प्राथमिकता से सुलझाया जाएगा। उद्देश्य एक ही है—बुजुर्गों का जीवन गरिमामय और सशक्त बनाना।